
रुद्रप्रयाग 21 नवंबर । भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली के कैलाश से शीतकालीन गद्दीस्थल आंेकारेश्वर मन्दिर ऊखीमठ आगमन पर जीआईसी के खेल मैदान में त्रिदिवसीय मदमहेश्वर मेले का आगाज रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ हो गया है। त्रिदिवसीय मदमहेश्वर मेले के शुभारंभ अवसर पर विभिन्न विद्यालयों व महिला मंगल दलों के सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम रही। त्रिदिवसीय मदमहेश्वर मेले में बॉबलीबाल व बैडमिंटन प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया जा रहा है। त्रिदिवसीय मदमहेश्वर मेले में बतौर देव अतिथि शिरकत करते हुए रावल भीमाशंकर लिंग ने कहा कि मदमहेश्वर मेले के आयोजन की परम्परा युगों पूर्व की है तथा मदमहेश्वर मेला धार्मिक, आध्यात्मिक व सांस्कृतिक परम्पराओं को अपने आंचल मंे समेटे हुए है। उन्होंने कहा कि केदारखण्ड को स्वर्ग के द्वार के नाम से जाना जाता है तथा युगों पूर्व चार धाम की यात्रा बड़ी कठिन थी, मगर वर्तमान समय में चार धाम यात्रा सुगम व सरल हो गयी है। उन्हांेने कहा कि भगवान मदमहेश्वर की डोली के कैलाश से ऊखीमठ आगमन पर लगने वाले मदमहेश्वर मेले के आयोजन से नौनिहालों को उचित मंच मिलता है। प्रधान पुजारी शिव शंकर लिंग ने कहा कि जो मनुष्य धर्म की रक्षा करता है धर्म उसकी रक्षा करता है, इसलिए धर्म की रक्षा करने वाले समाज में पूजीत होते हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए नगर पंचायत अध्यक्ष मेला अध्यक्ष कुब्जा धर्म्वाण ने कहा कि भविष्य में मदमहेश्वर मेले को और भव्य रूप देने की सामूहिक पहल की जायेगी। मेले के शुभारंभ अवसर पर विभिन्न विद्यालयों व स्थानीय महिला मंगल दलों के सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम रही। इस मौके पर जिला पंचायत सदस्य परकण्डी प्रीति पुष्वाण, प्रधान पुजारी बागेश लिंग, टी गंगाधर लिंग, केदार सभा अध्यक्ष राजकुमार तिवारी, व्यापार संघ अध्यक्ष राजीव भटट, सभासद प्रदीप धर्म्वाण, सरला रावत पूजा देवी, बलवीर पंवार, मन्दिर समिति प्रशासनिक अधिकारी युद्धवीर पुष्वाण, मेला कोषाध्यक्ष कैलाश पुष्वाण, सचिव प्रकाश रावत, महामंत्री सन्दीप पुष्वाण, वेदपाठी विश्व मोहन जमलोकी, रवि पुष्वाण, तेज प्रकाश त्रिवेदी, नवदीप नेगी सहित अन्य मौजूद थे।




