उत्तराखंड

CBI जांच से बौखलाई कांग्रेस, मुद्दाविहीन हुई पार्टी

देहरादून। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) भर्ती प्रक्रिया को लेकर उठे आंदोलन और बेरोजगारों की मांग पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तुरंत संज्ञान लेते हुए CBI जांच की संस्तुति दी। मुख्यमंत्री के इस निर्णय से युवाओं की भावनाओं का सम्मान हुआ और आंदोलन समाप्त हो गया।

लेकिन कांग्रेस पार्टी को यह कदम रास नहीं आ रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कांग्रेस हमेशा से समाधान के बजाय समस्याएँ खड़ी करने की राजनीति करती आई है। आंदोलन को हवा देने की उनकी कोशिशें पूरी तरह नाकाम हो गई हैं, जिससे पार्टी में हताशा और बौखलाहट साफ झलक रही है।

भाजपा नेताओं का कहना है कि कांग्रेस के पास अब न तो कोई मुद्दा बचा है और न ही युवाओं को गुमराह करने का मौका। असलियत यह है कि कांग्रेस को आंदोलन करने के बजाय अपने कार्यकाल में हुए भर्ती घोटालों और सरकारी नौकरियों की खरीद-फरोख्त पर प्रायश्चित करना चाहिए। उन्हें “प्रायश्चित यात्रा” निकालकर अपने किए के लिए जनता से माफी मांगनी चाहिए।

वर्तमान सरकार का दावा है कि वह बेरोजगारों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है, जबकि कांग्रेस का एकमात्र मकसद हमेशा से अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकना और युवाओं की भावनाओं से खिलवाड़ करना रहा है।

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