उत्तराखंड

दून पुस्तकालय में ‘आवारा कदम अनजान रास्ते’ का लोकार्पण और चर्चा वक्ताओं ने बताया—हिमालयी यात्राओं का सांस्कृतिक व साहित्यिक दस्तावेज

देहरादून।  देहरादून का दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र शनिवार को एक साहित्यिक और बौद्धिक उत्सव का साक्षी बना। केंद्र के सभागार में लेखक शूरवीर रावत की नवीनतम कृति “आवारा कदम अनजान रास्ते” का लोकार्पण एवं उस पर चर्चा का कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह आयोजन केवल पुस्तक प्रकाशन का अवसर ही नहीं, बल्कि हिमालय की सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और पर्यावरणीय धरोहर को समझने का एक विशेष मंच भी रहा।

इस यात्रा-वृतांत में लेखक ने हिमालय की बीस यात्राओं का जीवंत चित्रण किया है। पुस्तक में दुर्गम रास्तों, बर्फीली चोटियों, स्थानीय समुदायों और उनकी जीवनशैली का ऐसा विवरण है कि पाठक स्वयं को यात्रा का सहभागी महसूस करता है। वक्ताओं ने कहा कि यह पुस्तक केवल यात्रा साहित्य न होकर हिमालय के भौगोलिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक ताने-बाने का जीवंत दस्तावेज है।वरिष्ठ पत्रकार जय सिंह रावत ने कहा कि पुस्तक हिमालय को नए दृष्टिकोण से देखने की प्रेरणा देती है और उन स्थलों का भी विवरण प्रस्तुत करती है, जिन्हें अब तक केवल पाठ्यपुस्तकों में पढ़ा गया था।

संस्कृतिविद डॉ. नंदकिशोर हटवाल ने इसे पर्यावरणीय संवेदनशीलता से भरपूर बताते हुए कहा कि पुस्तक हमें प्रकृति के साथ संतुलित जीवन जीने की सीख देती है।

शिक्षाविद शिव प्रसाद सेमवाल ने कहा कि लेखक की लेखनी काव्यात्मक प्रवाह लिए हुए है और पाठक को भीतर तक छू लेती है।

पत्रकार शीशपाल गुसाईं ने कहा कि पुस्तक हिमालय के छोटे गांवों और समुदायों की कहानियों को सामने लाती है, जो अक्सर मुख्यधारा साहित्य में उपेक्षित रहते हैं।

दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के कार्यक्रम प्रमुख चन्द्रशेखर तिवारी ने इसे सांस्कृतिक और बौद्धिक आयोजन बताते हुए कहा कि पुस्तक लोकार्पण के साथ यह कार्यक्रम हिमालयी धरोहर को संरक्षित करने का प्रयास भी है।

लेखक शूरवीर रावत ने कहा कि दुनिया को देखने और जानने की जिज्ञासा ही यात्राओं की मूल प्रेरणा है। उन्होंने बताया कि इससे पहले 2013 में उनकी कृति “आवारा कदमों की बातें” प्रकाशित हो चुकी है।

यह पुस्तक काव्यांश प्रकाशन, ऋषिकेश से प्रकाशित हुई है। प्रकाशक प्रबोध उनियाल ने इसे हिमालय और यात्रा साहित्य में रुचि रखने वालों के लिए अमूल्य योगदान बताते हुए कहा कि यह पुस्तक प्रमुख पुस्तक विक्रेताओं व ऑनलाइन मंचों पर उपलब्ध है।

कार्यक्रम का संचालन आकाशवाणी देहरादून की उद्घोषक एवं कवयित्री भारती आनंद ने किया। कार्यक्रम में शहर के अनेक साहित्यकार, लेखक, साहित्य प्रेमी और प्रबुद्धजन उपस्थित रहे ।

कार्यक्रम का संचालन आकाशवाणी देहरादून की उद्घोषक एवं कवयित्री भारती आनंद ने किया। कार्यक्रम में शहर के अनेक साहित्यकार, लेखक, साहित्य प्रेमी और प्रबुद्धजन उपस्थित रहे ।

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