प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने ₹8260.72 करोड़ की योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया

देहरादून। राज्य में पेयजल, ऊर्जा, सिंचाई, शिक्षा, स्वास्थ्य और पर्यटन से जुड़ी बहुप्रतीक्षित परियोजनाओं को गति देने के लिए उत्तराखंड सरकार ने कई नई योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया है। देहरादून और टिहरी जनपद में प्रस्तावित सौंग बांध पेयजल परियोजना से देहरादून जनपद में 150 एमएलडी पेयजल आपूर्ति होगी। परियोजना में 130 मीटर ऊंचा बांध बनाया जाएगा जिससे देहरादून शहर की जलापूर्ति में सुधार होगा। वहीं नैनीताल जनपद में प्रस्तावित जमरानी बांध पेयजल परियोजना 2584.10 करोड़ रुपये की लागत से एक बहुउद्देशीय परियोजना के रूप में विकसित की जा रही है। इससे पेयजल, सिंचाई की आवश्यकता पूरी करने के साथ ही विद्युत उत्पादन भी किया जाएगा। परियोजना से 57065 हेक्टेयर क्षेत्रफल में सिंचाई होने के साथ 14 मेगावाट बिजली का भी उत्पादन होगा।
इसके अलावा Toe Protection और Landslide Stabilization कार्य जोशीमठ (अलखनंदा नदी के बाएं तट) पर 100.53 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा। पिथौरागढ़ जनपद के धारचूला में काली नदी के दाहिने तट पर बाढ़ सुरक्षा कार्य 140.22 करोड़ रुपये में प्रस्तावित है। ऊर्जा विभाग (पिटकुल) के अंतर्गत चमोली जिले के पीपलकोटी में 400 केवी स्विचिंग उपसंस्थान एवं पारेषण लाइन (1.0 सर्किट किमी) 340.29 करोड़ रुपये की लागत से बनाई जाएगी, जबकि टिहरी के घनसाली में 220 केवी उपसंस्थान (60 एमवीए) का निर्माण 277.23 करोड़ रुपये में किया जाएगा। ऊर्जा (उरेडा) विभाग द्वारा समस्त जनपदों में शासकीय भवनों में सोलर पावर प्लांट लगाए जाएंगे जिन पर 129.37 करोड़ रुपये व्यय होंगे। चम्पावत के बनबसा में 220 केवी उपसंस्थान (100 एमवीए) एवं संबंधित पारेषण लाइन 223.71 करोड़ रुपये में स्थापित की जाएगी।
खेल विभाग द्वारा जनपद चम्पावत के लोहाघाट में महिला खिलाड़ियों के खेल कौशल विकास हेतु महिला स्पोर्ट्स कॉलेज 256.96 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित किया जाएगा। लोक निर्माण विभाग द्वारा केंद्रीय सड़क अवस्थापना निधि के अंतर्गत 8 विभिन्न योजनाओं तथा राज्य योजना के अंतर्गत 2 विभिन्न योजनाओं का निर्माण कार्य 127.43 करोड़ रुपये में किया जाएगा। वन विभाग, वन्यजीव परिरक्षण संगठन और राजाजी टाइगर रिजर्व के तहत पौड़ी जनपद के यमकेश्वर में गौहरी रेंज के अंतर्गत चौरासी कुटिया का पुनरोद्धार कार्य 100.89 करोड़ रुपये की लागत से होगा।
प्राविधिक शिक्षा विभाग के तहत राजकीय पॉलीटेक्निक लोहाघाट, सल्ट, दन्या, गरुड़, द्वाराहाट तथा पोखरी में भवन निर्माण कार्य 100.67 करोड़ रुपये में किया जाएगा। पर्यटन विभाग द्वारा टिहरी और देहरादून में पर्यटन विकास कार्यों पर 58.21 करोड़ रुपये खर्च होंगे। चिकित्सा शिक्षा विभाग देहरादून और हल्द्वानी में भर्ती मरीजों के तीमारदारों के लिए रैन बसेरा का निर्माण 55 करोड़ रुपये में करेगा, जबकि चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग खानपुर में उप जिला चिकित्सालय का भवन 39.42 करोड़ रुपये में बनाएगा।
शहरी विकास विभाग कपकोट और कर्णप्रयाग में पंपिंग पेयजल योजना तथा नानकमत्ता में पेयजल योजना पुनर्गठन का कार्य 79.83 करोड़ रुपये में करेगा। डेयरी विकास विभाग लालकुआं में दुग्ध संघ में 1.50 लाख लीटर प्रति दिन क्षमता की अत्याधुनिक दुग्धशाला स्थापित करेगा जिस पर 80.77 करोड़ रुपये की लागत आएगी। पेयजल विभाग पौड़ी जनपद में पेयजल योजना 15.16 करोड़ रुपये में बनाएगा जबकि कृषि विभाग वीर चंद्र सिंह गढ़वाली औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, भरसार पौड़ी गढ़वाल में चैनलिंक फेंसिंग कार्य 11.48 करोड़ रुपये में करेगा।
₹931.65 करोड़ की लागत से 12 योजनाओं का लोकार्पण भी किया जाएगा जिनमें पिथौरागढ़ के धारचूला में 220/33 केवी (50 एमवीए) बरम उपसंस्थान एवं संबंधित पारेषण लाइन 161.98 करोड़, देहरादून के मसूरी, कैंट एवं राजपुर रोड में 132 केवी बिंदाल-पुरकुल पारेषण लाइन 38.71 करोड़, राज्य के समस्त जनपदों में सोलर पावर प्लांट की स्थापना 32.61 करोड़, देहरादून जलापूर्ति की 23 जोन आच्छादन की योजना 128.56 करोड़, चम्पावत, टनकपुर, ताकुला, बाडेछीना, चिन्यालीसौण और कुल्सारी में राजकीय पॉलीटेक्निक भवन निर्माण 126.27 करोड़, राज्य योजना व केंद्रीय अवस्थापना निधि के अंतर्गत सड़क निर्माण 110.03 करोड़, गंगोलीहाट, बागेश्वर, पौड़ी और श्रीनगर में पंपिंग पेयजल योजनाएं 80.81 करोड़, बेलपट्टी ग्राम समूह पंपिंग पेयजल योजना (गंगोलीहाट) 57.50 करोड़, धारचूला के ग्वालगांव भूस्खलन उपचार कार्य 84.09 करोड़, पिथौरागढ़ एवं देहरादून में बाढ़ सुरक्षात्मक कार्य 66.57 करोड़, कौशल विकास विभाग की Precision Manufacturing कार्यशाला का निर्माण 25.91 करोड़ तथा हल्द्वानी स्टेडियम में हॉकी ग्राउंड (एस्ट्रोटर्फ) का निर्माण 18.61 करोड़ रुपये में किया जाएगा।
इन परियोजनाओं से राज्य में पेयजल आपूर्ति, ऊर्जा उत्पादन, सिंचाई, शिक्षा, स्वास्थ्य, खेल और पर्यटन विकास को नई गति मिलने के साथ ही रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। सरकार का कहना है कि इन कार्यों से जनसुविधाओं में वृद्धि के साथ स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और उत्तराखंड को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में यह एक बड़ा कदम साबित होगा।




